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आठ अंकों के सीक्रेट कोड में छिपा एटीएम हैकिंग का राज



         आठ अंकों के सीक्रेट कोड में छिपा एटीएम हैकिंग का राज

जिन आठ अंकों के कोड की मदद से दिल्ली और यूपी के बदमाशों ने शहर के एसबीआई के पांच एटीएम से बड़ी सफाई के साथ करोड़ों रुपयों पर हाथ साफ कर लिया। अब वही कोड घर के भेदी तक पहुंचने का रास्ता साफ कर सकता है। जानकारों की माने तो यह सीक्रेट कोड एटीएम के कैश से जुड़े चुनिंदा लोगों के पास होता है। ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि आखिर यह कोड बदमाशों के पास तक कैसे पहुंचा।



एटीएम से पैसा निकालने के लिए हम एटीएम कार्ड के जिस पिन कोड का इस्तेमाल करते हैं। उस पिन कोड को जाने बिना कोई भी आईटी का महारथी भी आपके एकाउंट से पैसे नहीं निकाल सकता।

 
ठीक इसी तरह का आठ अंकों का कोड एटीएम मशीन का भी होता है। जो एटीएम मशीन में पैसा जमा करने वाले लोगों के पास ही होता है।

जानकारों की मानें तो अब तक ऐसी कोई तकनीकी सामने नहीं आई है कि एटीएम कार्ड और एटीएम मशीन के कोड जाने बिना एटीएम को हैक कर सके या फिर इसके जरिये पैसे निकाले जा सकें।


जानकारों का यह भी कहना है कि अब तक एटीएम से पैसे निकाले जाने के जितने भी मामले यदा कदा सामने आते रहे हैं उसमें धोखाधड़ी करने वाले ने किसी न किसी रूप में एटीएम का कोड हासिल किया और इसके बाद ही एकाउंट से पैसे गायब हुए हैं।

ऐसे में अब पुख्ता तौर पर एसबीआई के एटीएम का आठ अंकों का कोड बदमाशों तक कैसे पहुंचा, जांच एजेंसी के लिए जानना बहुत जरूरी होगा।
 
एसबीआई के स्पेशल असिस्टेंट वीके गुप्ता का कहना है कि एटीएम का कोड केवल इसमें पैसा जमा कराने वाली एजेंसी के पास ही होता है। इसकी जानकारी अन्य किसी को नहीं होती। बताया कि एटीएम से कितनी रकम गायब हुई है। इसकी जानकारी सोमवार को एजेंसी से ली जाएगी। वहीं, पीएनबी के मार्केटिंग मैनेजर अर्जुन कुमार गुप्ता कहना है कि एटीएम से भी तब तक पैसे नहीं निकल सकते जब तक उसका पिन कोड किसी दूसरे के पास न हो


आखिर कैसे पहुंचा बदमाशों तक यह कोड
कैश लोडिंग करने वाली एसएसएमएस कंपनी के आपरेशन हैड आशीष लखेड़ा का कहना है कि यह एक बड़ा सवाल है कि बदमाशों तक सीक्रेट कोड कैसे पहुंचा। इस आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता कि इसमें कोई भीतर का व्यक्ति शामिल हो।

पहला तरीका

एक फोन कॉल आएगी। जिसमें आपसे कहा जाएगा कि आपका एटीएम कार्ड की डेट एक्सपायर हो गई। क्या आप इसे रिन्यू कराना चाहते। यदि आप कहेंगे कि हां कर दीजिए तो वह फिर आपका कार्ड का नंबर और पिन कोड पूछेंगे और फिर इस पिन कोड के जरिए आपके एकाउंट से पैसे निकाल लिए जाएंगे।

दूसरा तरीका

जिस समय आप एटीएम में पैसे निकालकर लौट जाते हैं। तो धोखाधड़ी के धुरंधर एक चिप लगा कार्ड मशीन में डालकर आपके एटीएम की डिटेल हासिल कर लेते हैं और फिर आपके एकाउंट से पैसे निकाल लिए जाते हैं।

तीसरा तरीका

धोखेबाज एटीएम मशीन में कार्ड स्वैप करने वाले सिस्टम का क्लोन एटीएम मशीन के साथ लगा देते हैं। जब एटीएम में किसी व्यक्ति के पैसे नहीं निकलते तो पास ही खड़े धोखेबाज बराबर में लगाए गए क्लोन में कार्ड स्वैप करने की बात कहते हैं। जैसे ही क्लोन में कार्ड स्वैप किया जाता है तो बदमाशों तक आपके कार्ड की पूरी डिटेल पहुंच जाती है और फिर आपका एकाउंट उनके हवाले हो जाता है।

चौथा तरीका

कई धोखेबाज आपकी मदद करने के बहाने आपका एटीएम लेकर मशीन में डालते हैं और आपका कोड पूछ लेते हैं। इसके बाद चालाकी से आपके हाथ में बदला हुए एटीएम थमा देते हैं और विभिन्न जगहाें से आपके एटीएम का इस्तेमाल कर समय-समय पर पैसे निकाले जाते हैं।



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